फिलीपींस ने नए नियमों के तहत भारतीयों को वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति दी है।
- उद्देश्य: पर्यटन को बढ़ावा देना और भारत-फिलीपींस संबंधों को मजबूत करना।
- नीति परिवर्तन: फिलीपींस ने भारतीय नागरिकों के लिए वीजा-मुक्त प्रवेश की शुरुआत की है।
- अवधि: पात्रता के आधार पर 14 या 30 दिनों तक रहने की अनुमति है।
- पात्रता: पासपोर्ट के प्रकार और निवास की स्थिति पर निर्भर करता है।
- अपेक्षित प्रभाव: फिलीपींस में भारतीय पर्यटकों के आगमन में वृद्धि।
- आकर्षण: द्वीप, समुद्र तट और सांस्कृतिक स्थल भारतीय यात्रियों का इंतजार कर रहे हैं।
विदेशी पदार्थों में छिपे गुणों का पता लगाने के लिए नई विधि विकसित की गई।
- बेंगलुरू स्थित रमन रिसर्च इंस्टीट्यूट (RRI) के वैज्ञानिकों ने स्पेक्ट्रल फ़ंक्शन नामक अवधारणा का उपयोग करके विदेशी पदार्थों में छिपे क्वांटम गुणों का पता लगाने के लिए एक नई विधि विकसित की है।
- स्पेक्ट्रल फ़ंक्शन, एक उपकरण जिसका उपयोग पहले इलेक्ट्रॉन व्यवहार को मापने के लिए किया जाता था, वह पदार्थों की टोपोलॉजिकल प्रकृति को भी इंगित कर सकता है।
कर्नाटक को टाटा-एयरबस हेलीकॉप्टर निर्माण इकाई मिली।
- एयरबस और टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स कर्नाटक के कोलार में H125 हेलीकॉप्टर फाइनल असेंबली लाइन स्थापित करेंगे, जो भारत की पहली निजी हेलीकॉप्टर असेंबली सुविधा होगी।
- यह पहल मेक इन इंडिया अभियान का समर्थन करती है, जिसका लक्ष्य एयरोस्पेस निर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करना है।
- यह संयंत्र भारत और पड़ोसी देशों के लिए हेलीकॉप्टर का उत्पादन करेगा।
कश्मीर विश्वविद्यालय द्वारा विकसित भारत की पहली जीन-संपादित भेड़।
- कश्मीर स्थित कृषि विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने भारत की पहली जीन-संपादित भेड़ तैयार की है, जो पशु जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है।
- रियाज अहमद शाह के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की टीम ने इससे पहले 2012 में भारत की पहली पश्मीना बकरी- नूरी- का क्लोन बनाया था, जो एक मील का पत्थर था, जिसने वैश्विक प्रशंसा प्राप्त की।
- जीन संपादन CRISPR-Cas9 तकनीक का उपयोग करके किया गया था।
"अपना डिजिपिन जानें" और "अपना पिन कोड जानें" वेब पोर्टल का शुभारंभ।
- डाक विभाग ने दो नए डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किए - अपना डिजिपिन जानें और अपना पिन कोड जानें।
- डिजिपिन पोर्टल: जियो-कोडेड ग्रिड का उपयोग करके डिजिटल पता परिशुद्धता को सक्षम करने और पूरे भारत में अंतिम-मील सेवा वितरण को बढ़ाने के लिए।
- पिन कोड पोर्टल: भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी और जीएनएसएस-आधारित मानचित्रण का उपयोग करके पारंपरिक छह अंकों की पिन कोड प्रणाली को आधुनिक बनाना।
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