भारत में साक्षरता दर 2023-24 में बढ़कर 80.9% हो जाएगी।
- भारत की साक्षरता दर 2011 में 74% से बढ़कर 2023-24 में 80.9% हो गई है।
- यह वृद्धि मुख्य रूप से उल्लास-नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के कारण हुई है।
- यह अपडेट केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस 2025 पर साझा किया।
- उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि साक्षरता से सशक्तिकरण, सम्मान और आत्मनिर्भरता आनी चाहिए।
- मंत्री ने प्रत्येक नागरिक के लिए साक्षरता सुनिश्चित करने के प्रयासों का भी आग्रह किया।
भारत ने 125 अरब डॉलर की महत्वाकांक्षी हाई-स्पीड हाईवे योजना का खुलासा किया।
- भारत 2033 तक सड़क अवसंरचना में सुधार के लिए ₹11 लाख करोड़ ($125 अरब) का निवेश करेगा।
- योजना 17,000 किलोमीटर लंबे हाई-स्पीड, एक्सेस-कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे बनाने की है।
- इसका लक्ष्य देश भर में लॉजिस्टिक्स लागत कम करना और परिवहन में सुधार करना है।
- इस परियोजना का नेतृत्व सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय कर रहा है।
- इसका उद्देश्य हाइब्रिड फंडिंग मॉडल का उपयोग करके निजी निवेश आकर्षित करना है।
- यह कदम भारत को अवसंरचना विकास में चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों के बराबर खड़ा करता है।
- इसका उद्देश्य बेहतर गतिशीलता, मज़बूत अर्थव्यवस्था और अधिक निवेशक भागीदारी पर है।
हिमाचल प्रदेश 99.3% साक्षरता दर के साथ पूर्ण साक्षर घोषित।
- हिमाचल प्रदेश ने 99.30% साक्षरता दर हासिल की, जो राष्ट्रीय मानक 95% से अधिक है।
- त्रिपुरा, मिज़ोरम और गोवा के बाद यह पूर्ण साक्षरता हासिल करने वाला चौथा राज्य है।
- लद्दाख पूर्ण साक्षर घोषित होने वाला पहला केंद्र शासित प्रदेश है।
- भारत की साक्षरता दर 74% (2011) से बढ़कर 80.9% (2023-24) हो गई।
- उल्लास साक्षरता सप्ताह 2025 1-8 सितंबर तक आयोजित किया गया।
भारत और श्रीलंका ने मन्नार आपातकालीन देखभाल इकाई के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
- भारत मन्नार में दुर्घटना एवं आपातकालीन इकाई के लिए 600 मिलियन श्रीलंकाई रुपये के अनुदान से धन मुहैया कराएगा।
- भारतीय दूत संतोष झा और स्वास्थ्य सचिव अनिल जसिंघे ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
- आपातकालीन देखभाल को बढ़ावा देने और भीड़भाड़ कम करने के लिए उपकरणों से युक्त दो मंजिला इकाई।
- भारत के स्वास्थ्य सहयोग का एक हिस्सा, जिसमें सुवा सेरिया 1990 और अस्पताल का उन्नयन शामिल है।
यूपी सरकार ने पाठ्यक्रमों और प्रवेशों की मान्यता की जाँच के आदेश दिए।
- यूपी सभी विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और संस्थानों में मान्यता और प्रवेश की जाँच करेगा।
- मंडलायुक्त प्रशासन, पुलिस और शिक्षा अधिकारियों के साथ विशेष जाँच दल (SIT) गठित करेंगे।
- संस्थानों को शपथपत्र, मान्यता प्रमाण पत्र और पाठ्यक्रम विवरण प्रस्तुत करना होगा।
- अवैध प्रवेश/अस्वीकृत पाठ्यक्रमों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और ब्याज सहित शुल्क वापस किया जाएगा।
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